THE SMART TRICK OF SHIV CHAISA THAT NOBODY IS DISCUSSING

The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

शिव भजन

O Lord, Purari, you saved all Deities and mankind by defeating and destroying the demons Tripurasur. You blessed your devotee Bhagirath and he was capable to perform his Vow following demanding penance.

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन more info भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर Shiv chaisa में पावे॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।

क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।

Anytime the gods phone out to him in distress, Lord Shiva straight away eliminates their sorrows. In the course of the excellent turmoil caused by Tarakasura, All of the gods turned to you for enable.

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